Soundarya Lahari

Sunday, August 10, 2014

अगले जनम मोहे बिटिया न देना - A poem by Amitabh Bachchan

This is a touching tribute by Amitabh Bachchan to the brave lady who lost her life in December 2012, to the acts of a bunch of senseless cowards.

It is titled "अगले जनम मोहे बिटिया न देना".

माँ, बहुत दर्द सेह कर , बहुत दर्द दे कर
तुझसे कुछ कह कर, में जा रही हूँ

आज मेरे विदाई में जब सखियाँ मिलने आएँगी
सफ़ेद जोड़े मैं लिपटी देख सिसक सिसक मर जाएँगी 
लड़की होने का खुद पर फिर अफ़सोस जताएंगी

माँ, तू  उनसे इतना कह देना
दरिंदो की दुनिया में संभल कर रहना

माँ, राखी पर जब भैय्या की कलाई सूनी रह जायेगी
याद मुझे कर कर जब उनकी आँख भर आएगी
तिलक माथे पर करने को माँ रूह मेरी भी मचल जायेगी

माँ, तू भैय्या को रोने न देना
मैं साथ हूँ हर हर पल, उनसे कह देना

माँ, पापा भी छुप-छुप बहुत रोयेंगे
में कुछ न कर पाया, यह कह कर खुद को कोसेंगे

माँ, दर्द उन्हें यह होने न देना, इलज़ाम कोई लेने न देना
वह अभिमान है मेरा, सम्मान है मेरा
तू उनसे कह देना

माँ,  तेरे लिए अब क्या कहूँ
दर्द को तेरे, शब्दों में कैसे बान्धू
फिर से जीने का मौका कैसे माँगूं

माँ, लोग तुझे सतायेंगे
मुझे आज़ादी देने का तुझपे इलज़ाम लगाएंगे

माँ, सब सेह लेना
पर यह न कहना
'अगले जनम मोहे बिटिया न देना'


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