Soundarya Lahari

Sunday, March 27, 2016

JNU ke Sholay



मौसी : लेकिन बेटा, बुरा नहीं मानना, इतना तो पूछना ही पडेगा के लड़के का खानदान क्या है, उसके लच्छन कैसे है, कमाता कितना है?
दोस्त : कमाने का तो ये है मौसी, .. के एक बार stipend बंद हो गयी तो... कमाने भी लगेगा

मौसी :  Stipend मतलब? बच्चा पढ़ रहा है? इतनी काम उमर में शादी?
दोस्त : नहीं नहीं। ये मैंने कब कहा मौसी । लड़का तो २९ साल का है

मौसी : हाय दैया, इतना बड़ा लड़का? और रहता कहाँ है? हॉस्टल में?
दोस्त : वैसे रहता हॉस्टल में है, पर कभी कभी पुलिस थाने में सोना पड़ता है

मौसी : पुलिस थाने में? तो क्या चोर है?
दोस्त : वो और चोर! न न मौसी! वो तो क्रांतिकारी है. अब कभी दोस्तों के साथ अफ़ज़ल की समर्थन के नारे देते पकड़ा गया तो पुलिस उठा के ले जाती है

मौसी : हाय हाय! बस यही कमी रह गयी थी. मतलब देशद्रोही  है वो?
दोस्त : मौसी, आप तो मेरे दोस्त को गलत समझ रही है. वो तो इतना सीधा और भोला है की आज़ादी के चक्कर में उसे होश ही नहीं रहता की वो कौन से देश का है.


मौसी : अरे बेटा, मुझ बुढ़िया  समझा रहे हो? मेरे बचपन में हम आज़ाद हो चुके है. अब कौनसी आज़ादी मांग रहा है यह?
दोस्त : बस मौसी, उसका पता चलते ही हम आप को खबर दे देंगे।

मौसी : एक बात की दाद दूँगी बेटा। भले सौ बुराइयां है तुम्हारे दोस्त में, फिर भी तुम्हारे मुंह से उस के लिए तारीफें ही निकलती है.
दोस्त : अब क्या करूँ मौसी .. मेरा तो नाम ही Indian Media है.

2 comments:

  1. Wow I was in JNU too, but can't read Hindi, can only speak it.

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    1. Good to know about your association with JNU. But, I was not a part of JNU at any time. This is just a fun post.

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